धनतेरस दीवाली के पाँच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। "धनतेरस" शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है— धन जिसका अर्थ है संपत्ति और तेरस जिसका अर्थ है हिंदू पंचांग के कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि। यह दिन भगवान धन्वंतरि, जो स्वास्थ्य और चिकित्सा के देवता हैं, और देवी लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी हैं, की पूजा को समर्पित है।
सफाई और सजावट: धनतेरस के दिन घर की पूरी तरह से सफाई करना शुभ माना जाता है ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। घर को रंगोली, दीयों और लाइटों से सजाया जाता है।
सोना/चांदी की खरीदारी: भक्त अक्सर धनतेरस के दिन सोना, चांदी या रसोई के बर्तन खरीदते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये वस्तुएं घर में शुभता और समृद्धि लाती हैं।
लक्ष्मी पूजा की तैयारी:
पूजा सामग्री:
धनतेरस पूजा विधि:
सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान करें क्योंकि सभी शुभ कार्यों से पहले उनकी पूजा की जाती है।
इसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। धनतेरस के दिन निम्न मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है:
ॐ श्री धन्वंतरि नमः
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः
देवी लक्ष्मी की मूर्ति पर फूल चढ़ाएं, धूप दिखाएं और दीप जलाएं।
पूजा के अंत में आरती करें और प्रसाद के रूप में मिठाई चढ़ाएं।
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, या वाहन खरीदना शुभ माना जाता है। इसे परिवार में समृद्धि और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। अगर सोना या चांदी नहीं खरीद सकते, तो स्टील या पीतल के बर्तन खरीदना भी उतना ही शुभ माना जाता है।
इस धनतेरस, देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें और अपने घर में धन, समृद्धि और स्वास्थ्य का स्वागत करें।