Shardiya Navratri Ninth Day of Navratri Puja Vidhi of Maa Siddhidatri Muhurat Time Mantra Bhog

Shardiya Navratri Ninth Day of Navratri Puja Vidhi of Maa Siddhidatri Muhurat Time Mantra Bhog

Cultural Perspectives

नवाँ दिन (नवमी) – माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि, महत्त्व और मंत्र (Shardiya Navratri 2024)

नवरात्रि के नवें दिन माँ दुर्गा के नवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं और भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।

माँ सिद्धिदात्री का परिचय (Maa Siddhidatri Introduction)

माँ सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। वे भक्तों की सभी आध्यात्मिक और भौतिक इच्छाओं को पूरा करती हैं।

पूजा विधि (Navratri Ninth Day Puja Vidhi)

  1.  नवरात्रि के नवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा  करें।
  2. माँ सिद्धिदात्री का आह्वान: माँ की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. स्नान और वस्त्र: माँ को गंगा जल से स्नान कराएं और लाल वस्त्र अर्पित करें।
  4. प्रसाद और भोग: माँ को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  5. दीप जलाएं और मंत्र जाप करें: माँ सिद्धिदात्री के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और "ॐ देवी सिद्धिदात्री नमः" मंत्र का जाप करें।

शारदीय नवरात्रि का नवाँ दिन (Shardiya Navratri Ninth Day Significance)

माँ सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ और ज्ञान प्राप्त होता है। इस दिन की पूजा से भक्तों को आत्मविश्वास और शक्ति मिलती है।

माँ सिद्धिदात्री मंत्र (Maa Siddhidatri Mantra)

  • मूल मंत्र:
    "ॐ देवी सिद्धिदात्री नमः।"

  • ध्यान मंत्र:
    "माँ सिद्धिदात्री, तुम्हारे चरणों में मेरा नमन है,
    जो मुझे सभी सिद्धियों का ज्ञान दें।"

इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को सफलता और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

शुभ मुहूर्त (Navratri Ninth Day Muhurat)

2024 में नवरात्रि का नवाँ दिन 11 अक्टूबर को है, और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:10 AM से 8:27 AM तक है। इस समय में पूजा करने से भक्तों को माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवें दिन का रंग (Ninth Day Color of Navratri)

नवरात्रि के नवें दिन का रंग लाल होता है, जो शक्ति, उत्साह और प्रेम का प्रतीक है। भक्त इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं और पूजा स्थल को लाल फूलों से सजाते हैं।