Shardiya Navratri Sixth Day of Navratri Puja Vidhi of Maa Katyayani Muhurat Time Mantra Bhog

Shardiya Navratri Sixth Day of Navratri Puja Vidhi of Maa Katyayani Muhurat Time Mantra Bhog

Cultural Perspectives

छठा दिन (षष्ठी) – माँ कात्यायनी की पूजा विधि, महत्त्व और मंत्र (Shardiya Navratri 2024)

नवरात्रि के छठे दिन माँ दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ कात्यायनी को ज्ञान, शक्ति और भक्ति की देवी माना जाता है। वे दुर्गम और संकटमोचन के रूप में जानी जाती हैं।

माँ कात्यायनी का परिचय (Maa Katyayani Introduction)

माँ कात्यायनी का नाम ऋषि कात्यायन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने माँ की आराधना की थी। माँ कात्यायनी शक्ति, साहस, और विजय का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से भक्तों को सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति मिलती है।

पूजा विधि (Navratri Sixth Day Puja Vidhi)

  1. नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा करें।
  2. माँ कात्यायनी का आह्वान: माँ की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. स्नान और वस्त्र: माँ को गंगा जल से स्नान कराएं और पीले वस्त्र अर्पित करें।
  4. प्रसाद और भोग: माँ को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं।
  5. दीप जलाएं और मंत्र जाप करें: माँ कात्यायनी के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और "ॐ देवी कात्यायनी नमः" मंत्र का जाप करें।

शारदीय नवरात्रि का छठा दिन (Shardiya Navratri Sixth Day Significance)

माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को भक्ति, साहस, और विजय प्राप्त होती है। इस दिन की पूजा से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।

माँ कात्यायनी मंत्र (Maa Katyayani Mantra)

  • मूल मंत्र:
    "ॐ देवी कात्यायनी नमः।"

  • ध्यान मंत्र:
    "माँ कात्यायनी, तुम्हारे चरणों में मेरा नमन है,
    जो संकट के समय मेरी रक्षा करें।"

इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है।

शुभ मुहूर्त (Navratri Sixth Day Muhurat)

2024 में नवरात्रि का छठा दिन 8 अक्टूबर को है, और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:12 AM से 8:27 AM तक है। इस समय में पूजा करने से भक्तों को माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

छठे दिन का रंग (Sixth Day Color of Navratri)

नवरात्रि के छठे दिन का रंग पीला होता है, जो खुशी, ऊर्जा, और सकारात्मकता का प्रतीक है। भक्त इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और पूजा स्थल को पीले फूलों से सजाते हैं।