नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा का यह स्वरूप शांति, सादगी और शक्ति का प्रतीक है। इनकी आराधना से भक्तों को मानसिक शांति और आत्म-विश्वास प्राप्त होता है।
माँ चंद्रघंटा, देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनकी मस्तक पर चंद्रमा का घंटा है। इन्हें युद्ध और बलिदान की देवी माना जाता है। माँ चंद्रघंटा का ध्यान करने से भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा और साहस प्राप्त होता है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा से मानसिक शांति, आत्म-विश्वास, और सकारात्मकता प्राप्त होती है। इस दिन साधना करने से भक्तों को नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
मूल मंत्र:
"ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।"
ध्यान मंत्र:
"वन्दे वाद्य वाद्यम् चन्दनवर्णे चन्द्रघंटाम्।
ताम्बूलं पीतं दधाति चन्द्रघंटा जगतां पिताम्॥"
इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को मानसिक शक्ति और सफलता प्राप्त होती है।
2024 में नवरात्रि का तीसरा दिन 5 अक्टूबर को है, और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:10 AM से 8:25 AM तक है। इस समय में पूजा करने से भक्तों को माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्रि के तीसरे दिन का रंग लाल होता है, जो प्रेम, ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। भक्त इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं और पूजा स्थल को लाल फूलों से सजाते हैं।